गों जाणा की खुद***** Grhwali Poetry

 


उत्तराखंड की लगूली, उत्तराखंड की लगूली में उत्साहित महसूस कर रहे हैं.

फ़ेवरेट Pauri, उत्तराखण्ड, भारत 
-------गों जाणा की खुद------
आज मन बहुत उदास च
मेरा भी गौ जाना की आस च
धै लगानी डांडी कांठी
पास बुलानी अपडी माटी
कख गेनी तुम हमतेह छोड़ी
झठ आवा रोड़ी दौड़ी
छोया का पाणी सुख गिन
गाड़ का गदेरा लुकगीन
बाटो का गारा हर्ची
पाखा का पाख फर्की
धुरपली का पठोला रडगीन
तिबरी डिंडाली का माटू गिरगिन
आवा कभी यू ते दिखना कु
तरसी गिन यू भी तुम ते दिखना कु
चला अपडा घोर जोला
वकी हमरी घर कुड़ी
यही एक आस च और
किलेकि वखी हमर वास च

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