खुल गैनि आंखा


लघु कथा

""खुल गैनि आंखा""

घन्तु भैजी भोलेनाथ क भक्त छाई,,भक्त बि यन कि कड़कनाथ चेला,,दिन भर जप,तप ज्ञान ध्यान कि बात , आज बि हरबि शंक फुकणा हरबि जैकारा लगाणा जै हो प्रभु !जै बम भोले !जै सिद्ध बली तोड़ दुश्मन कि नली,,दगड़ि भैजी महा जिदमार छाई,,कैकि नि सुणदा छाई,,आज भैजी दिल्ली कै रिस्तेदारो कि नौनी क ब्यो म पैट्या छन।
हे कमला! ह्वैगी म्यारु झ्वला तमलेट तैयार,,बिजाम देर ह्वैगी मिथै जल्दी कैर भैजि न बोलि।
हे जी!! इना सूणा दिल्ली ब्यो म नि जावा ,किलैकि कोरोना बिमरि सब्बी जगौ फैली,, सरकार क‌ निर्देशों का पालन कैरा,घौर मि रावा,,तब्बी हम सब संक्रमण से बच सकदन, कमला बौजी न बोलि।
हे पिड़िमा का!कन बोलि द्या तिन इतरि बात,रिस्तेदारि निभौंण प्वड्दी,,अर वन बि मि भोले नाथ कु भक्त छौं,, मितै कुछ नि होंदु,,देखदी जा वै कोरोना वायरस थै मि कन लताड़िक ओंदु,,आखिर भगत छौ मि भगत,,तु अच्छी तरौ जणदी। घन्तु भैजि न बोलि
कन्नी जणदु, बल लंबु तिलक मधुर बांणी अर ठग ठग्यू कि इच निसाणी,,अपुडु गिच्चा कु दाम पांडे सब्या बणदन,,कमला बौजि न बि गिच्चु प्याट बड़बड़ा कि बोलि।
अब घन्तु भैजी पौंछी गेनी दिल्ली,,ब्यो बि ह्वैगी पर भैजी न एक बार बि मास्क नि पैनी,, कोटद्वार म घौर ओंदा भैजि कु कोरोना टेस्ट ह्वैगी,,अर टेस्ट बि पौजिटिव निकल गे,, भैजी कैकि बात सुणनौ तैयार नि ह्वाई,,अब जबरदस्ती पुलिस वलौं न भैजी तै कोटद्वार अस्पताल म भर्ती करै,,,पर भैजी वख बिटी बि फरार ह्वै गेनि।
कुछ दिन बाद पुलिस वलो थैन घन्तु भैजी कि लांस दुगड्डा क डांड मिलदी,,द घंतुराम बि टटगार ह्वै गेनी,,अब स्वर्ग जैकि घंतुराम मंदुरु म बैठिक भगवान तै सिकैत लगौणा
हे प्रभो!! तुमुन बिपदा कि घड़ि म मेरि मदत क्यो नि कैरि?,त प्रभो जी न बि उत्तर दे,,, हे मूरख मनखि !!तेरि घर्वालि(औरत)‌न त्वै घौर म हि रोक्यलि छौ ,,कि न जौ दिल्ली तु नि मानि,,वैका बाद तु अस्पताल बिटि बि फरार ह्वै गी,, तेरि खोजबीन म सभी कोरोना योद्धा पुलिस,,डॉक्टर,नर्स,,खुज्यांणा रैन त्वै,,
उ कु छाई?? ?वू क रूप म मि त छाई, तिन पछ्याणि नी ,,मूरख हर व चीज ज्वा बिना स्वार्थ कि मनख्युं खुणि हितकारि च वी प्रभो च ,वी परमेसुर च,,सच्चै,पिरेम,,सदाचार, नैतिकता हि प्रभो, भगवान परमेसुर च।
हो प्रभो !!अब खुलिन म्यारा आंखा,,
खुल त गेनि पर मृत्यु लोक का वास्ता त, त्यारा आंखा बंद ह्वै हि ग्यैनी।

अर्चना गौड़ 4/12/20

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