झूठ बोली कबार तक माया बचोंण Hindi Poetry/Garhwali Poetry wrote by Kailash Upreti Komal

 


झूठ बोली कबार तक माया बचोंण
झूठ बोली कब तलक त्वेन अपणी माया बचोंण
स्वाणी छै तू कैन बोली येकु घमंड त्वेन अभी के के तें दिखोण ।।
कबार तक या ज्वानि यनि राली, एक दिन तू भी दानी ह्वे जाली।
तब केन त्वे तैं हैरण केन तेरू रुप देखण ई ज्वानि ए लठ्याई सदनी नि राली।।
रंग रूप त गुलाब कु फूल जनि छूँ कुछ दिन मा सूख जालु।
पर जू माया तेरा गैल मेरी छूं लठ्याई तेन सदनी साथ रौण ।।
नि कौर इतिगा गुमान ते चौमासी ज्वानि पर, एक दिन त्वेन ह्युंद बण जाण ।
आखिर हे लठ्याई झूठ बोली कबार तक त्वेन अपणी माया बचोंण ।।
कैलाश उप्रेती कोमल
ग्राम - स्यूंटा जिला - चमोली पो. ओ -खैनोली
विकासखंड - नारायणबगड़
जिला - चमोली
पिन - 246444
दूरभाष -9917321848
उत्तराखंड
— उत्तराखंड की लगूली में खुश महसूस कर रहे हैं.

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