उत्तराखंड की लगूली, उत्तराखंड की लगूली में धन्य
महसूस कर रहे हैं.

किले पुछणा विकास कन
इंकलाब जिंदाबाद का नारा दिन भर गुजणी धरती अबरी
अपनों का बाना चकोर सी खौऴी खौऴी डबखणी जिंदगी
पर जैका माध्यम सी मिन उ भैजी उकसोणी थै
उ भैजी दैखी सुबेरी बिटीन दारु की टकीं मा मस्त छन
अपणी दिदी भुलीयों की बात क्या कर्न
पढी लिखी भी हमारा तमासा दिखणा छन
नेता जी कु ध्यान सारा अपणु कु ध्यान जरूरी बल
मनमर्जी का बोट देण त उंकी मार क़िले खाणी बल
नेतों का नारा बारामासी लगला बल
अच्छा नेतो की पछाण किले कन बल
मेरु मग्तु भैजी बोलणु जू लर्क तर्क लालु बल
मिनत वैणी ही हाथ जोडीक बोट देण बल
साडीयो गैल लिफाफा महंगा मिलणा बल
भैया दुज रक्षाबंधन दिन भर हम मनोणा बल
पर धूलकण हम सुरक बोलणु छौ बल पहाड़ु कु ध्यान रखलु बल
बस वेणी मनमर्जी कु बोट देणी बल
बसंत का गीत जनु बारामासी ओंदु दग्डिया
तन्नी पांच साल बाद चुनौ ओणा दग्डिया
पर जु दग्डिया सोची समझी मनमर्जी कु बोट देदु
उ दग्डिया भला समाज कि पहचान करोदु दग्डिया
© नवीन जोशी
गौं कोट. देव मुल्क,
गढ़वाळि कविता /गीत
धूलतृण
उत्तराखंड की लगूली
UKLaguli
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