उत्तराखंड की लगूली, उत्तराखंड की लगूली में पागल महसूस कर रहे हैं.
फ़ेवरेटPauri, उत्तराखण्ड, भारत
जुखाम कु लोचडू
जुखाम कु लोचडू
नाक आंखा तरबतर
गला पीड़ा खर खर ।
काचू पाकु जिरू हारीगी,
काचा तेल की नैणी थकीगी,
गरम तेल भी खूब अजमाई
तैंन भी अभागी लोचडू नी भागी ।
खप खप कुकरी कासू
बरमंड भी तैकु अणासू
आंखा चणीज्ञा मलियो उढार
एक चीज दिखेणी चार ।
झांगोरा की याद औणी
आंखियो रिंगणी काल्डी कौणी
घर का चौलू की बास औणी
फीटिं जीव भारी ललचेणी ।
निन्द जाणी कख हरचिगी
खून पाणी भी खरचीगी
टोणा टटमोणा वाला सेईगी,
रखवाली वालू चाचा मरीगी ।
सरकारी डाक्टर छुट्टी पर
ताला लगई बट्टी पर
बीमार हिटनू लट्ठी पर
तचनु बुखारकी भट्टी पर ।
!_राकेश_!
©® राकेश उनियाल
गांव सकलाना
टेहरी गढ़वाल उत्तराखंड
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