चुनौ की मौल्यार #गढ़वळिम_रचना Grhwali Poetry wrote by Utterakhandi Poet Ankit Rawat

 


उत्तराखंड की लगूली, उत्तराखंड की लगूली में खुश महसूस कर रहे हैं.

फ़ेवरेट Pauri, उत्तराखण्ड, भारत 
चुनौ की मौल्यार
चुनौ की मौल्यार ऐगै
छपछपू मन्डाण लगीगे।
टीवी मा दिख्यण वाला भी
चम्म झौल सी दिखेगी ।
फ्लैक्सों का गठ्ठा औणा
गीत्यारो तै काम मिलीगे ।
गाड़ीवालों बुकिंग मिलणी
फूलों की नींद उड़ीगे।।
गढ़वाली कुमाऊँनी मा भाषण बोली भाषा विकास हवैगै।
चैनलो की चापलूसी
डीजे टेंट तै काम मिलीगे।
चुनौ की कुतग्याली मा
मन्दिर नेता जाण लगीगे
पार्टी का वोडा वाला भी
यथै वथै खिसकण लैगै।।
सेटचरो भी चुनौ मा
दमखम दिखाणु लैगे ।
जु अकड्यूँ रौन्दु छौ सदानी
जनता हित बोलण लगीगे।
अनग्यारो सी भीड़ जन
रैली मा रैली होण लैगे।
एक हैका बाँठा सभी
तडतडू भाषण दंगे।।
मनखी कु मन्ख्यात ऐगै
चुनौ का बगत देखी
क्वै वोट देण आन्दु रै
क्वै प्रचार का काम देखी
गाड़ी वालों की धकाधूम
झंडा पकड़ोण काम मिली
चुनौ की मौल्यार मा
बुढया भी ज्वान देखी।।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ