पलायन ह्वेगी य बात सच्ची छ, पर ह्वे किले होलू ? Grhwali Poetry/Garhwali wrote by Jagdeep Bhardwaj

 


उत्तराखंड की लगूली

Pauri, India 
#गढ़वळिम_कविता
पलायन ह्वेगी य बात सच्ची छ,
पर ह्वे किले होलू ?

पलायन ह्वेगी य बात सच्ची छ,
पर ह्वे किले होलू ?
भुला!शिक्षा,स्वास्थ्य,त मुद्दा छन
पर न दाज्यू !
एक बात और उकरी मिन ।
यखा क रैबसियों कु व्यवहार और मिजाज ।
लोग बाग़ खेय्दी ह्वेगी,
जो खाण कमाण लग्या सगोर्या छन ,
तोका खुटा खगोड के उलभट् मा छ।
मिन गौ का गौ दिख्याली खाली होंदा।
भला लोग, धन संपति वाला लोग ,
विचरवान, गुणबंदी मणखी सब चल ज्येनि।
यूँ बात तिति छ पर सच छ कसम से।
लोग कख से कख पूछीग्यान,।
हम वखी छो, तेरु बाटा मेरु बाटा,
पुंगड़ा कु वोडु, पानी कु डाड,
बनकरणी की लड़े, पधाना कु बजट।
वेकु देवता, येकु भूत, मनरेगा की ध्याडी।
फलाणे की ब्वारी, आलाणे की सासु।
भैजी! वेकी नौनी बारा म भी सूणी तुमुन,
गौ का गौं अलज्यां चा।
तब हुन्दी छ यार .....भैजी शंका,
सच म हम देवभूमि का वासी छ।
या
कर ग्येन यखा देवता भी ,
पलायन
- जगदीप भारद्वाज
ग्राम छपाली पोस्ट ऑफिस हरमनी
चमोली उत्तराखंड
संपर्क - 6396258557

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