#गढ़वळिम_रचना ज्योत तेरी भगवती..!! Grhwali Poetry/Garhwali wrote by Pawan Pahari (Paanthri)


उत्तराखंड की लगूली
उत्तराखंड की लगूली में आभारी महसूस कर रहे हैं.

फ़ेवरेट Pauri, उत्तराखण्ड, भारत 
ज्योत तेरी भगवती..!!
आदिशक्ति हे भवानी, इष्टदेवी हे सती,
तेरा मंदिर मा जगौंदू, ज्योत तेरी भगवती..!!
द्वी हथूं जोड़ी कि तेरा चरणूं शीश टेकदू,
ऐकि माता दरश दे जा, बाट तेरी देखदू..
नौ दिनूं जगदी रौ, मेरी भक्ति की या द्यू-बती,
तेरा मंदिर मा जगौंदू, ज्योत तेरी भगवती..!!
भेंट सिरफल, सुपरी लौंग, लायूं तेरा द्वार मा,
चूड़ी-बिंदी, लाल चुनरी, त्वेकु सब शृंगार मा..
स्वाणी-सजली मुखड़ी माता, तेज चौदिश बरखदी,
तेरा मंदिर मा जगौंदू, ज्योत तेरी भगवती..!
आस दे विश्वास दे माँ, मुख मा शीतल वाक दे,
क्रोध हर संताप हर माँ, होंटण्यूं कुंगली हास दे,
जोग तें जुगराज केरी, जोगमाया हे जयवंती,
तेरा मंदिर मा जगौंदू, ज्योत तेरी भगवती..!!

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