परिश्रम #हिंदी_कविता Hindi Poetry wrote by Utterakhandi Poet Dayal Chandra Kanela Raunaki

 


उत्तराखंड की लगूलीउत्तराखंड की लगूली में धन्य महसूस कर रहे हैं.

फ़ेवरेट Pauri, उत्तराखण्ड, भारत 
---------------परिश्रम ---------------
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परिश्रम दिन रात कर ,
रुकना नहीं एक पल ।
मन में जरा धीरज धर ,
भीड़ से तू हटके चल ।
विलम्ब भी आएंगे ,
ध्यान को भटकायेंगे ।
कभी कभी तुझे ओ ,
सपना भी दिखाएंगे ।
हटना नहीं डगर से ,
मुश्किल की लहर से ।
कई तुझको रोकेंगे ,
षड्यंत्र के जहर से ।
ठान आन बान से ,
चलते रहना शान से ।
रोशन तेरा नाम होगा ,
कल को तेरे काम से ।
दयाल चन्द्र कनेला रौंनकी
ग्राम बिरमदेचौरी कनेला गांव
पोस्टआफिस जैरामबाखल
तहसील चौखुटिया
जिला अल्मोड़ा उत्तराखंड
पिन - 263656

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