धारी की काली #हिंदी_कविता Hindi Poetry wrote by Utterakhandi Poet Pawan Pant

 


उत्तराखंड की लगूली, उत्तराखंड की लगूली में आभारी महसूस कर रहे हैं.

फ़ेवरेट Pauri, उत्तराखण्ड, भारत 
(धारी की काली )
मां सुना है बडी दयालु है तू
मुझ पर भी दया अपनी दिखाना तू
सुना है तू संकटों में साथ देती है
मां मुझे भी संकटों से बचाना तू ।।
मां चंचल मेरी बुद्धि है
मन का अभी थोड़ा कच्चा हूं
तू बैठी रहना हरदम कंठ में मेरे
मैं भी मां तेरा ही बच्चा हूं।।
मां बद्री केदार की रक्षक है तू
मेरी भी रक्षा करती रहना तू
मां मैं तेरे द्वार का दासी हूं
मेरे भी दुख हरती रहना तू।।
मां सुना है तू विद्या की दाता है
मुझे भी विद्या ज्ञान सीखना तू
नादान हूं भटक जाता हूं अनजान रास्तों पर
मां मुझे हरदम सही राह दिखाना तू।।
मां दिन में तीन रूप बदलती है
इसलिए सबकी खास है तू
मां बदलेगी किस्मत मेरी भी कभी
मेरी भी आश सांस विश्वास है तू।।
सारा जग तूने तारा
मां पूरे ब्रह्मांड में तू महान है
ये संसार परिवार है तेरा
तभी तो इस पावन भूमि पर तू विराजमान है ।।
पापों का अंत करने वाली
मां तू खप्पर धारी है
तेरे रूप मां अनेक जग में
तू स्वयं धारी की काली है..।।
मां तीन रूपों वाली है....

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