सझ धज केHindi Poetry wrote by Utterakhandi Poet Bhagwatcharya Bhumendranand Semwal

 


उत्तराखंड की लगूली
उत्तराखंड की लगूली में उत्साहित महसूस कर रहे हैं.

फ़ेवरेट Pauri, उत्तराखण्ड, भारत 
अच्छे सझ धज के चलोगे,इस समाज मे..
तुम सझेंगे जरूर,
पर अच्छे नहीं लगेंगे,पर अच्छे नहीं लगेंगे
माथे की विंदिया जब तुम लगाओगी,
सजेगी जरूर, पर अच्छी नहीं लगेगी
मांग मे सिंदूर तुम भरो तो सही,
मांग सजेगी जरूर, पर अच्छी नहीं लगेगी..
नायनों के काजल, सुरमे, कितने भी बदल दो तुम,
सजेंगे जरूर, पर अच्छे नहीं लगोगे....
पहन लो तुम, चूड़ियाँ हाथों पर अपने,
खनकेगी जरूर, पर अच्छी नहीं लगेगी..
अगर पहन भी गये तुम, सूट पटियाला,
पंजाबी, गुजराती, राजस्थानी,
अच्छे जमेंगे जरूर, पर अच्छे नहीं लगोगे..
पायल की झनकार मे कितने भी कूदो ,
गूंजेगी जरूर, पर अच्छे नहीं लगोगे.
भागवताचार्य भूमेंन्द्रानन्द सेमवाल
ग्राम जाखणी
पोस्ट लम्बगाँव 249165
ब्लॉक प्रतापनगर
टिहरी गढ़वाल उत्तराखण्ड..

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