#हिंदी_कविता पन्नों में लिखा रह गया Hindi Poetry wrote by Utterakhandi Poet Kailash Upreti Komal

 


उत्तराखंड की लगूली, उत्तराखंड की लगूली में खुश महसूस कर रहे हैं.

फ़ेवरेट Pauri, उत्तराखण्ड, भारत 
पन्नों में लिखा रह गया
2013 की हृदयविदारक आपदा के बाद की स्थिति से सम्बन्धित है।
पन्नों में लिखा रह गया, इस अभागे का विकास |
सारे जग में हो रही इसकी, सुन्दरता का हास ||
कहीं कहीं पथ अवरूद्ध हैं तो,कहीं कहीं सेतु ही नहीं |
पर पन्नों में सब कुछ पूरे हैं, अवरूद्ध का उल्लेख नहीं ||
बडे़ बडे़ साहबों ने तो,कर लिया अपना कोटा पूरा|
पर किसी ने उनकी न सोची, जिनका जीवन हो गया अधूरा ||
माँ बाप से हुये अलग, जिन्होंने खोया आशियाना अपना |
पर कुछ लोग आज भी देख रहे, वो सब कुछ पाने का सपना ||
अपनो को खोकर कोई , भूल ना पाया उस पल को |
हा हा कार मची हुई थी, जिसमें खो गई जीवन की डोर ||
दुःखी लोग आज भी उन, दुर्गम राहों पर चलते हैं |
पर पन्नों में उन राहों का, कोई ज़िक्र न करते हैं ||
विकास जो होना था, वो हो गया उन लोगों से क्या लेना |
पर उन भोले भाले लोगों को भी, दुर्लभ हो गया रहना ||
आज भी दुःखी हैं वो जीवन पा
कर, जिन्होंने सब कुछ खोया |
पर उन पन्नों को लिखने वाले, तेरा हिय क्यूँ नहीं रोया ||
(लेखन 2014)
कैलाश उप्रेती कोमल
ग्राम - स्यूंटा जिला - चमोली पो. ओ -खैनोली
विकासखंड - नारायणबगड़
जिला - चमोली
पिन - 246444
दूरभाष -9917321848
उत्तराखंड

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ