देश प्रेम #हिंदी_कविता Hindi Poetry wrote by Utterakhandi Poet Dayal Chandra Kanela Raunaki

 


उत्तराखंड की लगूली, उत्तराखंड की लगूली में खुश महसूस कर रहे हैं.

फ़ेवरेट Pauri, उत्तराखण्ड, भारत 
------------- देश प्रेम -------------
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सिर कटे तो कटा लो ,
इस वतन को बचा लो ,
अब वक्त आ गया है ,
तुम मां का कर्ज चुका लो ।
मुंह तोड़ के जबाब ,
दुश्मन को देंगे आज ,
अपने सीने में दिल को ,
तुम पत्थर का बना लो ।
ना प्यार ना मुहब्बत,
ना दया ना कोई धर्म ,
तुम आज अपने चेहरे से ,
इस नकाब को हटा दो ।
सेहरे की तरह सिर पर ,
सजा लो कफन हंस के ,
ये मां तुम्हें पुकार रही है ,
तुम चिंगारी एक लगा दो ।
दयाल चन्द्र कनेला रौंनकी
ग्राम बिरमदेचौरी कनेला गांव
पोस्टआफिस जैरामबाखल
तहसील चौखुटिया
जिला अल्मोड़ा उत्तराखंड
पिन - 263656

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