" मां शक्ति वंदना " #वंदना Hindi Poetry wrote by Utterakhandi Poet Bhagat Ram Bijlvaan 'Bhagat'

 


उत्तराखंड की लगूली, उत्तराखंड की लगूली में खुश महसूस कर रहे हैं.

फ़ेवरेट Pauri, उत्तराखण्ड, भारत 
" मां शक्ति वंदना "
मां तू करती सबकी रक्षा,देती सबको अभय वरदान ।
रिद्धि- सिद्धि की दाता तू ही,करती तू सबका कल्याण ।।
तेरे द्वारे आकर मैया,जो करदे अपना सब कुछ अर्पण ।
भक्ति- भाव से ध्यान लगावें, करे स्वयं का जो समर्पण ।।
त्याग और तप के बलबूते, करे जो तेरी घोर साधना ।
नहीं भुगतनी पड़ती उसको, मृत्यु -लोक की घोर यातना ।।
काम क्रोध लोभ मद मोह से, दूर रहे जो सतत बना ।
भवसागर से पार लगावें, पुण्य कर्म हो अथक घना ।।
शक्ति,भक्ति और मुक्ति की दाता, दिव्य कर्म सब तुमसे माता ।
तुमसे विमुख गर होवें प्राणी,सब धरा यहीं रह जाता ।।
नवधा -शक्ति, नवधा- भक्ति,सब तू ही देने वाली है ।
बिन कृपा के तेरे मैया, नहीं झोली भरने वाली है ।।
सुख ,सौभाग्य ,उन्नति प्रेम दे, धर्माचरण में प्रशस्त बनें ।
ज्ञान,विज्ञान,शक्तिशाधना में निपुण वरद- हस्त बने ।।
' जय माता दी '
"इति"
रचना - भगत राम बिजल्वाण 'भगत'
रा. उ.मा. वि. राजीवग्राम (ढ़ालवाला)
टिहरी गढ़वाल (उत्तराखंड) ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ