काश हम .../Poetry Wrote By Gharwali Poet Pradeep Bisht

 


#गढ़वळिम_रचना
काश हम ...

काश हम भी बड़ा नि हुन्दा
माँ की ममता कु आँचल मा लुक्या रैन्दा

यू जिम्मेदारियों कु बोझ भी नि रेंदा
अर जीवन मा परेशानियां भी नि हुन्दा

काश हम भी बड़ा नि हुन्दा
अपणु गौ मा दगड्यो दगड खेलणा रैन्दा

कब सुबेरी ह्वेई, कब रात ह्वेई होश नि रैन्दा
जब दगड्यो दगड खेलण मा मस्त होया रैन्दा

काश हम भी बडा नि हुन्दा
स्कूल मा दगड्यो दगड झगडा करणा रैन्दा

ना नौकरी की चिन्ता अर ना बच्चो की चिन्ता
दिन भर घौर बटि गोल हुय्या रैन्दा

काश हम भी बडा नि हुन्दा
सदनी माँ बाबा की डाँट खाणा रैन्दा

स्कूल नि जाण लुक्या रैन्दा
गुरु जी की मार खाणा रैन्दा

काश हम भी बडा नि हुन्दा
बिन पजामा कु गौ मा घूमणा रैन्दा

प्रदीप बिष्ट
(अध्यापक)
ग्राम खैनोली
चमोली
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