उत्तराखंड की लगूली
#हिंदी_कविता
आदरणीय कविवर आपका मैं सादर भरा नमस्कार मैं फिर से एक आज के ज्वलंत मुद्दों में से एक "नशा" पर एक स्वरचित चंद-पंक्तियों को उत्तराखंड की लगूली ऑनलाइन पत्रिका में भेज रहा हूँ आप जरूर भली भांति पढ़कर इसे अवश्य शामिल करिएगा इसके लिए मैं आपका आभारी रहूँगा।
dinesh singh negi:

नशे का बोलबाला 
चारों तरफ आज है नशे का बोलबाला
नशे ने कर डाला समाज को खोखला
खैनी-गुटका और पान मसाला हर दिन ख़ाकर
सार्वजनिक स्थलों और दीवारों पर यूँ मुँह पिचकाकर
देखो आज जहाँ-तहाँ नशे में है युवा पीढ़ी
गाँव-शहरों में पी रहे हैं खुलेआम बीड़ी
अब हर दिन चाहिए इन्हें दारू और सिगरेट
धुत पड़े हैं आज के युवा बाजारों में लमलेट
लाज शर्म का अब नहीं है किसी को डर
नशे में बेशर्म हो रखें हैं घर में निडर
खुलेआम चल रहा है चरस और गाँजे का धंधा
इस नशे ने कर दिया है समाज और भी गंदा
अब तो आये दिन स्त्रियों से हो रही बदसुलूकी
गाली और गलौज जैसे अपशब्दों की है बेतुकी
इस नशे के बाजार में कहीं घर-परिवार बर्बाद हो गए
नशे के कारोबार में कहीं घर-परिवार आबाद हो गए
सरकार भी अब कितना ही विज्ञापन दें
जब समाज ही इस कधर नशे में संलिप्त हों
शादी-मुण्डन हो या घरेलू पूजा पाठ
दारू पीने वालों की हो रखी है हरपल ठाठ
अपनों की खुंदक में लड़ाई और झगड़ा कर रहें
पूरे समारोह में अपनों के सामने यूँ बेइज्जती करवा रहें
माता-पिता के अरमानों को यूँ तोड़ रहे
अपनों से फुर्सत से बैठने में जी चुरा रहे
उनके उम्मीदों को यूं ना तोड़ो तुम
आज ही इस नशे के आदि को छोड़ो तुम
जहरीले नशे से युवाओं का है बुरा हाल
अब अस्पतालों के बेड़ों में पड़े हैं यूँ बेहाल
लग गया है शरीर में रोगों का जाला
पड़ गया है कैंसर से भयंकर पाला
मुँह में ना जाता है भोजन का एक भी निवाला
फिर याद आता है प्रभु दीनदयाला
तभी बनोगे तुम युवाओं में महान
अपने साथियों से करो तुम ऐसा आह्वान
खुद नशा छोड़कर बनो एक नेक इंसान
मिलेगा तुम सबको समाज में वहीं सम्मान
रचनाकार :- दिनेश सिंह नेगी
पता :- जोतिर्मठ (जोशीमठ)सिंहधार
जनपद :- चमोली गढ़वाल
(देवभूमि उत्तराखंड)
#दिनेश_सिंह_नेगी #उत्तराखंड #poem #gharwal #uklaguli #twitter #youtube #utterakhand #post #facebook #reel #intgram #worlpoetry #जोतिर्मठ #Poetry #जोशीमठ #UKLaguli #india #gharwalipoems #गढ़वाल #Ghrwali #चमोली #instagram #Youtube #facebookpost #देवभूमि #uttrakhand_beauty #hindipoem #HindiPoems #hindipoetry
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dinesh singh negi:



चारों तरफ आज है नशे का बोलबाला
नशे ने कर डाला समाज को खोखला
खैनी-गुटका और पान मसाला हर दिन ख़ाकर
सार्वजनिक स्थलों और दीवारों पर यूँ मुँह पिचकाकर
देखो आज जहाँ-तहाँ नशे में है युवा पीढ़ी
गाँव-शहरों में पी रहे हैं खुलेआम बीड़ी
अब हर दिन चाहिए इन्हें दारू और सिगरेट
धुत पड़े हैं आज के युवा बाजारों में लमलेट
लाज शर्म का अब नहीं है किसी को डर
नशे में बेशर्म हो रखें हैं घर में निडर
खुलेआम चल रहा है चरस और गाँजे का धंधा
इस नशे ने कर दिया है समाज और भी गंदा
अब तो आये दिन स्त्रियों से हो रही बदसुलूकी
गाली और गलौज जैसे अपशब्दों की है बेतुकी
इस नशे के बाजार में कहीं घर-परिवार बर्बाद हो गए
नशे के कारोबार में कहीं घर-परिवार आबाद हो गए
सरकार भी अब कितना ही विज्ञापन दें
जब समाज ही इस कधर नशे में संलिप्त हों
शादी-मुण्डन हो या घरेलू पूजा पाठ
दारू पीने वालों की हो रखी है हरपल ठाठ
अपनों की खुंदक में लड़ाई और झगड़ा कर रहें
पूरे समारोह में अपनों के सामने यूँ बेइज्जती करवा रहें
माता-पिता के अरमानों को यूँ तोड़ रहे
अपनों से फुर्सत से बैठने में जी चुरा रहे
उनके उम्मीदों को यूं ना तोड़ो तुम
आज ही इस नशे के आदि को छोड़ो तुम
जहरीले नशे से युवाओं का है बुरा हाल
अब अस्पतालों के बेड़ों में पड़े हैं यूँ बेहाल
लग गया है शरीर में रोगों का जाला
पड़ गया है कैंसर से भयंकर पाला
मुँह में ना जाता है भोजन का एक भी निवाला
फिर याद आता है प्रभु दीनदयाला
तभी बनोगे तुम युवाओं में महान
अपने साथियों से करो तुम ऐसा आह्वान
खुद नशा छोड़कर बनो एक नेक इंसान
मिलेगा तुम सबको समाज में वहीं सम्मान
रचनाकार :- दिनेश सिंह नेगी
पता :- जोतिर्मठ (जोशीमठ)सिंहधार
जनपद :- चमोली गढ़वाल
(देवभूमि उत्तराखंड)
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