सम्मान कु त्यौहार आयूँ छा***** Grhwali Poetry

 


उत्तराखंड की लगूली
उत्तराखंड की लगूली में खुश महसूस कर रहे हैं.

फ़ेवरेट Pauri, उत्तराखण्ड, भारत 
सम्मान कु त्यौहार आयूँ छा
सम्मान कु त्यौहार आयूँ छा
अधिकार कु कानून बणायूँ छा
गौं गल्ला क्वी न छुटु दीदी भुली
मतदान कन जरूर सबुन जाण छा
विकाश कु बटण जरूर दबोण
जल जंगल तै भी धै लगोण
हर बुजुर्ग कु बात सुणलू ज्यू प्रत्यासी
लोकतंत्र की खातिर यु त्यौहार जरूर मनोण
प्रत्यासी कु भी नाम काम जरूर ध्यान रखण
गौं गला कु छा कि नी सबुतै जरूर पुछण
देश राज्य क्षेत्र का प्रति क्या विचारधारा तैकी
पार्टी न प्रत्यासी देखी जरूर मतदान करण
न शराब न पैसा देखी मतदान की तुलना हो
न दबाब मा न चमक धमक देखी मतदान हो
काम करौण की क्षमता कतना प्रत्यासी का दिल मा
हर गरीब कु ध्यान भी जैका घोषणा पत्र मा हो
सुबेर उठी पूजा पाठ का बाद मतदान कन जाण
भय न स्वार्थ लेकी देश समाज की खातिर जाण
बगली विकाश की धारा विकसित होलु समाज
ढंग सी याद करी कै जाण अपडु चुनाव निसाण

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