उत्तराखंड की लगूली
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|| यु हमरु नयू साल नी ||
अज्युं फूलु मा फुलार नी ,
डाल्यू पर मौऴ्यार नी !
पाऽऴ कौम्पणी छीन ,
डाऴी बौटी डांडी कांठी ,
शितऴू घास धरती कि माटी!
लोक बुना छी नयू साल ऐगे ,
पर अज्यू यु हमरु नयु साल नी |
गौर बखरा कुकडा भेर,
जडऽऴ मुना कुकर भैर!
छज्जम् बैठी बूढ दादी,
क्या बुना छी नेई जमना ,
छोर छ्वारा नौना ब्यारी,
जु विदेशी रंगमा रंग्ये गैनी!
अज्यू यु हमरु नयु साल नी |
न पुष का मैना हंसी उलार,
न हमरि रीत न हमरु त्युहार !
कैकु सुधि बोऴेणा व्हाऴा,
हेंऽका कि रीत पर खाऴा म्याऴा,
अज्यू घडैक जग्वाऴ करा!
रे अज्यू घडैक जग्वाऴ करा!
फागुन चैत्र घाम चमकऴा,
फ्योऴी बुरांस पर ऐऴि ज्वानी!
अज्यू यु हमरु नयु साल नी |
मकरैणी पंच्चमी की ऋतु बहार,
ग्यीराऴ लया पर आलु फुलार !
चौछोडी व्हाऴु हेर्याऴि कु राज,
धुन्धम सुधि किले ब्यौऴ्य बण्या,
भेर घाम कु कखी नाम नी!
अज्यू यु हमरु नयु साल नी |
देश कू लेनदेन कर्जपात,
जोड़ तोड़ पेन्च्छु उधार ,
मार्च फाइनल ठेका की शुरुआत!
देश कु बजट भी चैत्र म खुलद,
रीतिरिवाज अज्यू तक बदलीं नी!
पर अज्यू यु हमरु नयु साल नी ||
C@R
|| अतुल शैली ||
अज्युं फूलु मा फुलार नी ,
डाल्यू पर मौऴ्यार नी !
पाऽऴ कौम्पणी छीन ,
डाऴी बौटी डांडी कांठी ,
शितऴू घास धरती कि माटी!
लोक बुना छी नयू साल ऐगे ,
पर अज्यू यु हमरु नयु साल नी |
गौर बखरा कुकडा भेर,
जडऽऴ मुना कुकर भैर!
छज्जम् बैठी बूढ दादी,
क्या बुना छी नेई जमना ,
छोर छ्वारा नौना ब्यारी,
जु विदेशी रंगमा रंग्ये गैनी!
अज्यू यु हमरु नयु साल नी |
न पुष का मैना हंसी उलार,
न हमरि रीत न हमरु त्युहार !
कैकु सुधि बोऴेणा व्हाऴा,
हेंऽका कि रीत पर खाऴा म्याऴा,
अज्यू घडैक जग्वाऴ करा!
रे अज्यू घडैक जग्वाऴ करा!
फागुन चैत्र घाम चमकऴा,
फ्योऴी बुरांस पर ऐऴि ज्वानी!
अज्यू यु हमरु नयु साल नी |
मकरैणी पंच्चमी की ऋतु बहार,
ग्यीराऴ लया पर आलु फुलार !
चौछोडी व्हाऴु हेर्याऴि कु राज,
धुन्धम सुधि किले ब्यौऴ्य बण्या,
भेर घाम कु कखी नाम नी!
अज्यू यु हमरु नयु साल नी |
देश कू लेनदेन कर्जपात,
जोड़ तोड़ पेन्च्छु उधार ,
मार्च फाइनल ठेका की शुरुआत!
देश कु बजट भी चैत्र म खुलद,
रीतिरिवाज अज्यू तक बदलीं नी!
पर अज्यू यु हमरु नयु साल नी ||
C@R
|| अतुल शैली ||
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