विज्ञानकु
आह्वान - 65
सच है मित्र
प्रौद्योगिकी चरित्र
अति विचित्र।
समता लाए
प्रौद्योगिकी श्रेष्ठ वो
समाज में जो।
पर्यावरण
प्रौद्योगिकी भली वो
न बिगाड़े जो।
प्रौद्योगिकी से
प्रकृति का स्वरूप
न हो कुरूप।
सेवक रहे
प्रौद्योगिकी हमारी
मालिक न हो।
- सुभाष चंद्र लखेड़ा
उत्तराखंड की लगूली
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