विज्ञानकु
आह्वान - 70
आपका मिले
विज्ञानकु को प्यार
है इंतजार।
चाहने लगे
इसको कई मित्र
अब सर्वत्र।
विज्ञानकु के
अनेक मित्र यहाँ
अनेक वहाँ।
ये काव्य पूत
अब बन चुका है
विज्ञान दूत।
करें शेयर
विज्ञानकु को आप
माई डियर।
- सुभाष चंद्र लखेड़ा
उत्तराखंड की लगूली
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