विज्ञानकु
आह्वान - 74
रहे संज्ञान
विज्ञान धरती की
बढ़ाए शान।
आज या कल
विज्ञान करे हल
प्रश्न जटिल।
विज्ञान पढ़ें
सर्व जन हिताय
के स्वप्न गढ़ें।
न बनें बम
विज्ञान से विध्वंस
न करें हम।
देर हो भले
विज्ञान से विकास
का रास्ता खुले।
- सुभाष चंद्र लखेड़ा
उत्तराखंड की लगूली
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