विज्ञानकु
आह्वान - 75
कोरोना तू जा
हमें जाना स्वदेश
लौट के न आ।
बीते दो साल
विदेश में हमारे
डर के मारे।
वैक्सीन आई
उम्मीद की किरण
नज़र आई।
देख वैक्सीन
तूने रूप बदला
किया हमला।
शातिर है तू
वापसी को हमारी
रोक रहा तू।
- सुभाष चंद्र लखेड़ा
उत्तराखंड की लगूली
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