विज्ञानकु
आह्वान - 76
तभी बनेंगे
विश्वगुरु, विज्ञान
जब करेंगे।
हों नए शोध
प्रयोगशालाओं में
अपने यहां।
कम आयात
हो अधिक निर्यात
समझें बात।
स्थापित करें
तकनीकी श्रेष्ठता
विश्व भर में।
प्रगति तब
सोच हो वैज्ञानिक
सभी की जब।
- सुभाष चंद्र लखेड़ा
उत्तराखंड की लगूली
हिन्दी । गढ़वाली । कुमाउँनी । गजल । अन्य । कवि । कवयित्री । लेख ।
उत्तराखंड देवभूमि I अनछुई सी तृप्ति I ढुंगा - गारा I आखर - उत्तराखंड शब्दकोश I उत्तराखंड I गढ़वाली शब्दों की खोज I कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I कवितायें I कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I उत्तराखंड संस्कृतिI कवितायें
0 टिप्पणियाँ