जसुली देवी
कुमाऊं की सबसे बड़ी दानी महिला जसुली दताल - पिथौरागढ़ जिले की दारमा घाटी के दांतु गांव में कुमाऊं की महान दानी महिला जसुली देवी शौक्याणी का जन्म हुआ था. धारचूला से लेकर हल्द्वानी तक लगभग 300 धर्मशालाओं का निर्माण करवाने वालीं जसुली दताल के व्यापारी पति के पास अथाह धन था. बताया जाता है कि यह दौलत उनके पति ने बोरों में भरकर रखी थी.
पति और बेटे की असमय मौत के बाद जसुली देवी ने दान स्वरूप इस धन को नदी में बहाना शुरू कर दिया था. उस वक्त कुमाऊं के कमिश्नर सर हेनरी रैमजे का काफिला उस क्षेत्र में पहुंचा और उन्होंने देखा कि एक महिला सोने-चांदी के सिक्कों को नदी में बहा रही है, तब वह फौरन जसुली देवी के पास पहुंचे और इस धन का इस्तेमाल विभिन्न पैदल मार्गों पर धर्मशालाएं बनवाकर जनसेवा में करने की सलाह दी.
नमन सादर
उत्तराखंड की लगूली
हिन्दी । गढ़वाली । कुमाउँनी । गजल । अन्य । कवि । कवयित्री । लेख ।
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