गज़ल
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पाणि
बरखा डरैक क्य मील ।
गदनौं तरैक क्य मील ।।
पाणि आस मा चोळि ।
सरग खरैक क्य मील ।।
पस्यौ त नि छटकु वैकु ।
मीनत करैक क्य मील ।।
ढै आखर नि रट साका ।
सकोल चरैक क्य मील ।।
सदनि माया को मुंडरो ।
जवनि जरैक क्य मील ।।
द्वि सारी बुसिला छाया ।
सट्ट्यूं झरैक क्य मील ।।
वो दिनमान हंडेणु रैंदा ।
घारमा ठरैक क्य मील ।।
खालि खल्टा छाया वो ।
अंगुठा धरैक क्य मील ।।
सरकरि नौकरि लापता ।
फौरम भरैक क्य मील ।।
अपणो खून बिरणु ह्वे ।
त्वै ज्यू मरैक क्य मील ।।
सब सिकंदर छन यख ।
दुन्याथैं हरैक क्य मील ।।
बांजि पुंगड़िम 'पयाश' ।
वाडा सरैक क्य मील ।।
©® पयाश पोखड़ा
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आभार
पयाश पोखड़ा
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