गज़ल ***** पाणि


गज़ल

*****

पाणि 


बरखा डरैक क्य मील ।

गदनौं तरैक क्य मील ।।


पाणि आस मा चोळि ।

सरग खरैक क्य मील ।।


पस्यौ त नि छटकु वैकु ।

मीनत करैक क्य मील ।।


ढै आखर नि रट साका ।

सकोल चरैक क्य मील ।।


सदनि माया को मुंडरो ।

जवनि जरैक क्य मील ।।


द्वि सारी बुसिला छाया ।

सट्ट्यूं झरैक क्य मील ।।


वो दिनमान हंडेणु रैंदा ।

घारमा ठरैक क्य मील ।।


खालि खल्टा छाया वो ।

अंगुठा धरैक क्य मील ।।


सरकरि नौकरि लापता ।

फौरम भरैक  क्य मील ।।


अपणो खून बिरणु ह्वे ।

त्वै ज्यू मरैक क्य मील ।।


सब सिकंदर छन यख ।

दुन्याथैं हरैक क्य मील ।।


बांजि पुंगड़िम 'पयाश' ।

वाडा सरैक  क्य मील ।।


©® पयाश पोखड़ा


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आभार 

 पयाश पोखड़ा

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