गज़ल
नजर तुमारि
नजर तुमारि इसकोल जनै राया सर्या उमर |
पाटी ब्वल्ख्या सब सफ्फा राया सर्या उमर ||
गिनती न बाराखड़ि मुखागर कैर साका हम |
तुमरा मुक जनै नजर लगीं राया सर्या उमर ||
तुमरै सौं जो कखिम भि सांस सै होलु मिन |
बस यकससि तुमथैं पढ़णि राया सर्या उमर ||
पिरेम की प्रैमरि पाटसाला मा यखुलि-यखुलि |
एक मास्ट्यनि की जग्वाळ राया सर्या उमर ||
पाटी-ब्वळ्ख्यम सुदि लपोड़ा-लपोड़ कार |
तुमन वो ढै आखर नि पड़ै पाया सर्या उमर ||
कुंग्ळि लगुल्यूं का फूलु थैं अवोळ नि राखि |
बगैर ठंग्री का सदनि खड़ि राया सर्या उमर ||
तुमरि कळग्यसरि ढौळ कखि पूरि नि ह्वेजा |
कखि म्यारा कंदूड़ बयाणा राया सर्या उमर ||
'पयाश' अनपढ़ किलै रैग्यौ पियार का पैथर |
इसकोला की घंटी बजणि राया सर्या उमर ||
©® पयाश पोखड़ा
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