शीर्षक हिमालै बचा भैं
हिमालैं की रोंण वाऴा
हिमालैं कि सुणी जा
बर्फीली हवा चलण लेगी
अपणु जलवा दिखैं जा
जख शिव जी भी करदा ध्यान
वख ध्यान तु भी करी जा
लाटी काली माया मा अपणु ध्यान
तु भी यें हिमालैं मा करी जा
मन चंचल न कर भैं
एक जुट रोण कि ठान भैं
धूल-तृण की प्रार्थना मानी भैं
हिमालें बचोण कि आज सोच भैं
प्लास्टिक कचरा गाढ़ गधेरा न फैकण भैं
साफ सफे रखण की पहल करन भैं
हिमालै कि भुख तिस मिटोण वास्ता भैं
डोखरी पोगणी मा फलदार डाऴा लगा भैं
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