मंद -मंद हैंसणी च-Dim-Dim Smiling -Gharwali Poetry By Mrs. Anupa Kumedi


 मंद -मंद हैंसणी च

भोली सी सूरत ऑंख्यूं मा पाणीं,मंद -मंद हैंसणी च।
स्या हौर कखै नी ह्वै सकदी स्या उत्तराखंड की च।।

अपणां उत्तराखंड की नारी की पछ्यांण कुछ अलगे च।
नाक मां नथुली गला मां गुलबंद जरा सी सरमआणईं च।

अपणूं उत्तराखंड अती स्वांणु च अर यखे नारी भी अतीत प्यारी छन।
जय देवभूमि उत्तराखंड मातृभाषा हमरी ज्यान च।।

अपणां उत्तराखंड कू ठंठू पाणीं गाड गदरा महान छन।
ऊंची -ऊंची डांडी कांठी बुग्याल हरा भरा छन।।

देश विदेशों मा जख भी रौंदन अपणीं भाषा नी भूलण।
अपणीं बोली अपणीं भाषा अपणीं यै रस्यांण च।।

स्वरचित --
© श्रीमती अनूपा कुमेड़ी
सलना नागनाथ पोखरी उत्तराखंड

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