सराब का नसा मा अदम
सराब का नसा मा
धुत एक अदम
बड -बडूणु छ्या बौडी जाळु
मि अपड़ु घौर
चौक तिबरी धुरपलि वाळु अपड़ु घौर
वख घाम व्हाळी
सकुचाण होलि
बुकि लेक मेर माथा
सैलिजाण व्हाळी ब्योखोंद मां
सराब का नसा मा
धुत एक अदम
अपड़ा अद-जगा म फुफरांदु
खुब जाडा कि रात मा
पृथ्वी से भैर
वा लिख्दु छ्या राजीनाम
पढ़णु छ्या ऊंचा आवाज मा
मि ते छत्यानास नि कनि ई जिंदगी
जामा पोड्यां ई चाकरी पर
सिसकै कि बोलणु
बौडी जाळु मि अपड़ु गौं
खफलुं जिबन अपड़ि स्यारी मा
हौरि चुकलु करज ई भुमि को
दोपरी घाम को चमकर मां
वो अपड़ि कजनि को आंख्युं देखि
सौं खान्दु
वो अब भतेक सराब ते हात नि लगलु
हैंसदरि श्रीमती ते
वो दुनि कि
सबि भतेक स्वाणी कज्याण बोल्दु
हौर हिटणु लग्दु
अपड़ा चाकरि कुन
© बालकृष्ण ध्यानी
#बालकृष्ण_ध्यानी
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सराब का नसा मा
धुत एक अदम
बड -बडूणु छ्या बौडी जाळु
मि अपड़ु घौर
चौक तिबरी धुरपलि वाळु अपड़ु घौर
वख घाम व्हाळी
सकुचाण होलि
बुकि लेक मेर माथा
सैलिजाण व्हाळी ब्योखोंद मां
सराब का नसा मा
धुत एक अदम
अपड़ा अद-जगा म फुफरांदु
खुब जाडा कि रात मा
पृथ्वी से भैर
वा लिख्दु छ्या राजीनाम
पढ़णु छ्या ऊंचा आवाज मा
मि ते छत्यानास नि कनि ई जिंदगी
जामा पोड्यां ई चाकरी पर
सिसकै कि बोलणु
बौडी जाळु मि अपड़ु गौं
खफलुं जिबन अपड़ि स्यारी मा
हौरि चुकलु करज ई भुमि को
दोपरी घाम को चमकर मां
वो अपड़ि कजनि को आंख्युं देखि
सौं खान्दु
वो अब भतेक सराब ते हात नि लगलु
हैंसदरि श्रीमती ते
वो दुनि कि
सबि भतेक स्वाणी कज्याण बोल्दु
हौर हिटणु लग्दु
अपड़ा चाकरि कुन
© बालकृष्ण ध्यानी
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— in India.
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