"चुनाव"/Gharwali Poetry By Sudama Dobriyal

 


उत्तराखंड की लगूली

"चुनाव"
******
चुनाव ऐगे फिर एक बार।
कैकी जीत होलि कैकी हार।
फिर हूंद खरीद फरोख्त गठबंधन
तब जाकि बणद सरकार।।

चुनाव ऐगे फिर एक बार।
कैकी जीत होलि कैकी हार।।

नेतों का झूठा वायदा।
हर बार ज्यादा ज्यादा।
गरीब जनता मूर्ख बणद।
गांव का लोग सीधा सादा।
जितणा कू बाद फिर नी पूछदू
मिल जालू जो कभि कबार।।

चुनाव ऐगे फिर एक बार।
कैकी जीत होलि कैकी हार।।

कुई अपर सच्चै मा रांद।
कुई दारू मुर्गा खै जांद।
फ़िर हूंद दंगा फसाद हुड़दंग।
अर कैकी मवशी घाम लगि जांद
चार दिन जंंनता की खुशी।
अर नेता का साल चार।

चुनाव ऐगे फिर एक बार।
कैकी जीत होलि कैकी हार।।

छल कपट अर झूठ फरेब।
यूंक नी कुई दीन ईमान।
अफू त दल बदलू होइ जा।
अर जनता बणद बेईमान।
समिझ जालू जो नी जितणू छौं
पार्टी बदल लू बार बार।।

चुनाव ऐगे फिर एक बार।
कैकी जीत होलि कैकी हार।।

अपरा बोट कू खातिर।
नेता रखि दींद ताक मा।
खुद त मंत्री बणि जांद।
जनता कू विकास ख़ाक मा।
नारा लगेकी झंडा उठै की
छल होइ गाई कहि बार।।

चुनाव ऐगे फिर एक बार।
कैकी जीत होलि कैकी हार।।

मी डोबरियाल "असीमित"
©® सुदामा डोबरियाल
#kumaoni #worlpoetry #indian #Poetry #utter #UKLaguli #india #dhyanipoems #gharwalipoems #video #poems #सुदामा_डोबरियाल #Ghrwali #instagram #gharwali #Youtube #facebookpost #uttrakhand 
See less
— in India.
Edit
All reactions:
You and 18 others

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ