हम भि -Gharwali Ghazal writer Payash Pokhada

 

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गज़ल
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हम भि
रड़क्यां पाखा उजड़्यां पैरा ह्वै ग्यवां ।
हम भि ऐरा गैरा नत्थू खैरा ह्वै ग्यवां ।।
कळ्यज़ि की कचगा धै लगाणि छन ।
हम त आज फेरि हौरि गैरा ह्वै ग्यवां ।।
मुखड़ि्यूं फर मौळ्यार की खुसि मा ।
हम भि लाल पिंगळा हैरा ह्वै ग्यवां ।।
अपण दां बयळु भि फूंजि ग्याइ झूट ।
हम त सच सुणद दां बैरा ह्वै ग्यवां ।।
जाज़म बिछैकि दरी बिटौळदा रै ग्यौं ।
बिठांद बगत हम फुण्डै सैरा ह्वै ग्यवां ।।
© पयाश पोखड़ा

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