रीति-रिवाज (काब्य संग्रह -अँज्वाल )***Grhwali Poetry written by Jagdish Garhwali

 

उत्तराखंड की लगूली is in World.

Published by बालकृष्ण डी. ध्यानी  ·   · 

रीति-रिवाज (काब्य संग्रह -अँज्वाल )

अपुणु पहाड़ी रीति-रिवाज ।

ब्वनु-बच्यांण मिठु मिजाज ।

हरचि होलू किलैई आज ।

      द्वि खुट्यों म सेवा लगांणी 

      चौंठी मगे भुक्कि पीणी 

      मुन्ड मलासी दुर्वा दीणी

      खुद लगे गौला भिटेंणी

      गौला भटुलि खुट्यों पराज

      ‎

अपुणु पहाड़ी रीति-रिवाज ।

ब्वनु-बच्यांण मिठु मिजाज ।

हरचि होलू किलैई आज ।

       पंण्डो-भैलौ कु मण्डाण 

       ढोल-दमौ मसकबाज 

       बदलि ग्येनि साज-बाज

       डीजे-भांगड़ा कु रिवाज

       अब नि रै वु गाणु-नाच

       ‎

अपुणु पहाड़ी रीति-रिवाज ।

ब्वनु-बच्याण मिठु मिजाज  ।

हरचि होलू किलैई आज  ।

         नै पीढ़ि कु नयु विचार 

         पहाड़ी बोली पट गंवार 

         अब त हैलो हाई-बाई

         सेवा-सौंली हरचि ग्याई

         अब न धैई न अवाज

         ‎

अपुणु पहाड़ी रीति-रिवाज ।

ब्वनु-बच्याण मिठु मिजाज ।

हरचि होलू किलैई आज  ।

         बाड़ि-पल्यो कफलि हरचि

         स्वाला-भूड़ा लगड़ी हरचि

         द्यूरा-जिठणा भाई साब

         सासु-ससुर ब्वे-बाब 

         नातु-पातु हरचि आज 

         ‎

अपुणु पहाड़ी रीति-रिवाज ।

ब्वनु-बच्यांण मिठु मिजाज ।

हरचि होलू किलैई आज ।

         छकना बान्दा गाणु लग्यूं

         जिठणा-ब्वारिक नचण हुयूं

         खड़ु-खड़ु कु खाणू हुयूं

         बिजनौरि रुसाल बण्यूं 

         पंगत-पत्तल हरचि आज

         ‎

अपुणु पहाड़ी रीति-रिवाज ।

ब्वनु-बच्यांण मिठु मिजाज ।

हरचि होलू किलैई आज ।

        थड़िया-चौंफला हरचि ग्येनि

        बाजुबन्द-बारामासा बिसरि ग्येनि

        न मांगल न मंगल्येर छन

        न गीत उ खुदेड़ छन

        चौमासा नि गान्दा आज 

        ‎

अपुणु पहाड़ी रीति-रिवाज  ।

ब्वनु-बच्याण मिठु मिजाज ।

हरचि होलू किलैई आज ।

        पीठु-अरसा तैकु हरचि 

        स्वाला-भूड़ा पैतु हरचि

        दूण-कल्यौ कण्डि बिसरि

        भै-भयात बिन्डि बिसरि

        स्वारा-भ्वारा अजाण आज

        ‎

अपुणु पहाड़ी रीति-रिवाज ।

ब्वनु-बच्यांणु मिठु मिजाज ।

हरचि होलू किलैई आज  । 

स्वरचित सादर

© जगदीश गढ़वाली

ग्राम खरका,पत्रालय पुन्डेरागाँव (सतपुली)

,पट्टी कौडिया (जयहरीखाल),पौड़ी गढ़वाल उतराखंड.

#uklaguli #instgram #उत्तराखंड #facebook #reel #youtube #twitter #blogger #utterakhand #shorts #post #gharwal #poem #पौड़ी_गढ़वाल #उत्तराखंड_लगूलि #उत्तराखंड_लगूलि #posts #poet #indian #Poetry #utter #UKLaguli #Ghrwali #gharwali #instagram #Youtube #facebookpost #uttrakhand #जगदीश_गढ़वाली #सतपुली

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ