"आदि जगद्‌गुरु शंकराचार्य की तपस्थली"

 


"आदि जगद्‌गुरु शंकराचार्य की तपस्थली"

आदि जगद्‌गुरु शंकराचार्य की है तपस्थली
एक तरफ हिम चोटी दूसरी तरफ वनस्थली ।।१।।

कितना रमणीक है मेरा जोशीमठ
जहाँ है उत्तर भारत का प्राचीन मठ ।।२।।

भगवान श्री नरसिंह देव की भूमि है यहाँ
होती छः मास पूजा श्रीबद्रीनाथ धाम की जहाँ ।।३।।

माँ भगवती के नव रूपों का नवदुर्गा मन्दिर
आदि सनातन धर्मशक्ति का है यह नगर ।।४।।

विष्णु गंगा नदी है जो नगर के तलछठ
पौराणिक नगरी जो बसी है ज्योतिर्मठ ।।५।।

कल-कल सी बहती अलकनंदा-धौली
हिमवादियों में बसा है बुग्याल गोरसों औली ।।६।।

पहरेदार सी सामने खड़ी अपना हाथी पर्वत
हिम चोटियो में विश्राम करती स्लीपिंग ब्यूटी पर्वत ।।७।।

सहस्र वर्षों से छाँव देती अमर कल्प वृक्ष
है प्रमाण दिव्य ज्योति के दर्शन का प्रत्यक्ष ।।८।।

रचनाकार :- दिनेश सिंह नेगी
पता :- जोतिर्मठ (जोशीमठ)
जनपद :- चमोली गढ़वाल
(देवभूमि उत्तराखंड)
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