जय श्री राम ***Gharwali poem written by Naveen Joshi

 


जय श्री राम

ओणी‌ छ‌ शुभ दिन
ओणु छ शभ‌ बार
फिर राम राज्या‌ वास्ता
ओणा छ राम जी
राजा‌ दशरथ कु अज्ञाकारी राम
मर्यादा पुरुषोत्तम छ भगवान राम
केकयी कु प्यारु पुत्र राम
कौशल्या कु सुत‌ राम
दुनिया तैं‌ फिर सीख देली भारत भुमि
जगमगाहट मा चमकाली‌ अयोध्या संग भारत वसुंधरा भुमि
कलियुग का पापीयो‌ कु नाश करला राम जी‌
राम राज्य स्थापित करला मेरा राम‌ जी
राम‌ भक्ती बड़ी अनमोल जी
इकु नि‌ मोल चाल जी
जेंका घट पिंड बैठ्या राम
वेकु बेड़ा पार करदा राम
सबकु‌ भलु‌ करदा राम
सबुणी सुखी रखदु राम
इच्छी‌ आस तुम‌ भी रखा
तुमारु बेड़ा पार करलू‌ राम
धुनष विधा मा प्रवीण छन‌ राम‌ जी
सबु गैल न्याय करला राम जी
दया‌ भाव सद्भाव सिखौदा राम जी
जन जन का दुख पार करला राम जी
अब दारु भाग नशा पर धनुष तीर चलाला राम‌ जी
मा‌ बैणीयु कु सम्मान करनु सिखालु राम जी
बसंत की रोंनक मा इ बार देखला राम‌ जी
सबकु‌ बेढा‌ पार करलु राम जी

© नवीन जोशी
गौं कोट. देव मुल्क,
गढ़वाळि कविता /गीत
उत्तराखंड की लगूली
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