गुरुजी भी अब अग्निवीर***Gharwali Poetry written By Sudama Dobriyal

 


गुरुजी भी अब अग्निवीर

एक द्रोण कै अर्जुन बीर।
खैंचा शिक्षा मा यीं लकीर।।
गुरुजी भी अब अग्निवीर
बदलो पहाड़ों कि तस्वीर।।

एक ही पगार मा चार,
अब न क्वी भि बेकार।
मासाब अब उच्च विचार,
सब्यों कू हथ मा रोजगार।।
बचला अपडा संस्कार,
अर बच्चा भी होशियार।।

अब सुगम न क्वी दुर्गम,
न खिचड़ी भात न खीर।
गुरूजी भी अब अग्निवीर
बदलो पहाड़ों कि तस्वीर।।
न पलायन न पहाड़ बीरान,
हमरा खेत अर खलिहान।
पढ्यां लिख्यां नौजवान अब
बदलो अपणी मुल्की शान।।
बढलू हमरू मान सम्मान
संस्कृति कू जन-जन थै ज्ञान।।

खालि नी रालू एम ए बी एड,
बदलो अब यूंकि तकदीर।
गुरुजी भी अब अग्निवीर
बदलो पहाड़ों कि तस्वीर।।

स्कूलों मा छीं ताला लग्यां
ख्वाला किवाड़ जाला लग्यां।
जुगाड की यीं ब्यवस्था मा
कैका जिज्जा स्याला लग्यां।।

कख हर्ची फिर बौडिक आला
पाटी बुलक्या पेंसिल पटीर।
गुरुजी भी अब अग्निवीर
बदलो पहाड़ों कि तस्वीर।।

अर मी डोबरियाल "असीमित"
©® सुदामा डोबरियाल
गौं जाख मल्ला
तहसील लैन्सडौन
पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड
उत्तराखंड की लगूली
UK Laguli
#पौड़ी_गढ़वाल #uklaguli #posts #poet #kumaoni #worlpoetry #indian #Poetry #utter #UKLaguli #india #gharwalipoems #video #poems #सुदामा_डोबरियाल #Ghrwali #gharwali #instagram #Youtube #facebookpost #uttrakhand #जाख_मल्ला #लैन्सडौन #असीमित
#उत्तराखंड की लगूली 
See less
— in India.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ