दिसंबर का जोग मा ***** Grhwali Poetry wrote by Anjali Rawat,

 


दिसंबर का जोग मा

ज्यू भारी जज्बातून् अर् हुन्टडि्यूं मा् रुकीं रुकीं बातूंक्
क्वी मोल ही नी तेरा अग्ने।
जन् दिसंबर कु क्वी मोल नी नयी जनवरी का अग्ने,
याद आन्दा कुछ पुरणा दग्डया अर् बीच मा तेरु ख्याल
उफ् य् भारी दिसंबर की ह्यूंदया् आखिरी रात
कोहरे कि् चादर मा लिपट्यां त्यारा स्वीणा अर् ख्याल
वीं धुंध मा धुंधलेंदी तेरी मासुम सी अन्वार
रकरंयान्द सी बैठ जान्दी ज्युक्डि अर् मन मा कई सवाल,
उफ् डरे जान्द, झुरे जान्द तेरू आन्खियूं भटी दूर हूणों ख्याल
सदानी का आंसू अर् दुख छै तु मेरा जोग मा,
ठीक उन्नी् जन् सालभर का
बिखरंयां औंस का मोती अभागा दिसंबर का जोग मा।

©® अंजलि रावत
उत्तराखंड

#अंजलि_रावत #पौड़ी_गढ़वाल #टेहरिगढ़वाल #कुमांऊ #uklaguli #posts #poet #kumaoni #worlpoetry #indian #Poetry #utter #UKLaguli #india #gharwalipoems #video #poems #Ghrwali #gharwali #instagram #Youtube #facebookpost #uttrakhand 
See less
— in India.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ