राम आगमन***Hindi Poem written by Dheeraj Gusain

 


राम आगमन

सेतुबंध श्री रामेश्वर से
तुंग हिमालय गिरि श्रृंग तक
आसेतुहिमालय धन्य धन्य है
राम नाम से शोभामय है।

सदियों की घनघोर प्रतिक्षा
पल पल झेली अग्नि परिक्षा
दंभ पाप का टूट गया
उदय हुआ नित नवयुग का

सरयू के पावन तट बोले
राम नाम अंतर पट खोले
सत्यमेव का नाद घोष है
रामराज्य में पुनः प्रवेश है

पुनः राम फिर घर को लौटे
त्याग सकल वनवास है लौटे
जगमग जगमग दीप जलेंगे
और दिवाली फिर से होगी

उदय अस्त जीवन का जिनसे
जन जन के अंतर पट बैठे
कण कण माटी, रचे बसे हैं
राम आगमन कर बैठे हैं।

©® धीरज गुसाईं
ग्राम मरखोला,
पोस्ट आफिस चम्पेश्वर,
पौड़ी गढ़वाल
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