"राम आये"***Hindi poem written by Sushila Bhadula

 


"राम आये"

सदियों की तपस्या का आज प्रतिफल पाया है।
मेरे पुरूषोत्तम राम ने अपना मन्दिर बनवाया है।
देर लगी प्रभु आनें में हमसे सदियों इन्तजार करवाया है।
हर्षित हुआ सनातन धर्म प्रभु आपका आशीर्वाद पाया है।
जय जय गान हो रहा तुम्हारा दसों दिशायें गुजायमान है।
सत्य सनातन धर्म की विजय पर हर हिन्दू को अभिमान है।
वेद,पुराण,उपनिषद,पर प्रभु विश्वास पुनः जगाया है।
हिन्दू धर्म के पुनरूत्थान का ध्वज पुनः फहराया है।
पुण्य भूमि सनातन की आज धन्य हो गयी है।
हर घर, हर दिल में प्रभु तुम्हारी जोत जल गयी है।
सदा सत्य की जीत का यथार्थ पाठ का उदाहरण पाया है।
अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक रूप धारण आया है।
विनती निवेदन करता हूँ। प्रभु राम का स्वागत सत्कार करना है।
जो शहीद हो गए राम भक्ति में
उनको याद करना है।
जय श्रीराम, जय श्रीराम, का नारा बुलंद करना है।
आ रहे है, प्रभु पुरूषोत्तम का अभिनंदन करना है।

जय श्रीराम, जय श्रीराम,
©✍️ (गौरव सैनानी)
सुशील भदूला "जैकोट "
गाँव जयकोट पोस्ट घिरोली पोखड़ा
पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड भारत

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