नया साल भंडार खुशियों का लाये *****Hindi Poetry wrote by Kishore Dwivedi

 


नया साल भंडार खुशियों का लाये

नया साल भंडार खुशियों का लाये,
रहें खुश सदा सब अपने पराये,
नये साल में हो प्यार मोहब्बत बातें,
न हो दुश्मनी की कहीं कोई बातें
ज़माने से उठ जाये नफरत की बातें,
चले भाईचारा और उतफत की बातें
हे ईश्वर सभी को ये सतबुध्दि आये,
नया साल भंडार खुशियों का लाये।

सभी नये पुराने झगड़े मिटा के,
चलें हम एक से एक कंधा मिला के,
हंसे हम एक-दूसरे को हंसा के
किसी जरुरतमंद की मुसीबत भगा के,
खुशी हमको हो और आनंद आये,
नया साल भंडार खुशियों का लाये।

हरेक नेता देश सेवा में ऐसा मग्न हो,
कि जी जान से प्यारा इश्क ए वतन हो,
देश कि सेवा ही सिर्फ उसका धर्म हो,
न चिंता उसे कभी कुर्सी की हरदम सताये,
नया साल भंडार खुशियों का लाये।

कविराज
©® किशोर द्विवेदी
पौड़ी गढ़वाल उत्तराखण्ड़
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