लेख सबसे पुरानी भाषा ..oldest language ***Hindi Article written by Hari Lakher

 


लेख
सबसे पुरानी भाषा ..oldest language

मैं उससे जो कुछ भी पूछता हूँ या सलाह देता हूँ, उसका उत्तर होता है कि मैं सब जानता हूँ, मुझे बताने की आवश्यकता नहीं है। वह जानता है कि क्या सही है और क्या गलत, वांछनीय या अवांछनीय।
कल रात हमेशा की तरह सर्व ज्ञानी जी धमक पड़े।मैं उनसे डरता भी हूँ और उनकी इज्जत भी बहुत करता हूँ। डरता इसलिए की पता नहीं कब धमक जाएँ। सर्व ज्ञानी हैं तो इज्जत तो बनती है। रात के दस बज रहे थे फिर भी पूछा चाय चलेगी।बोले चाय वाय बाद में पहले ये बता नवजात शिशु के रोने की आवाज (Vagitus) को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?मैंने कहा क्राई। बोले तुझे कुछ नहीं पता।फिर पूछा अंग्रेजी के छोटे आई (i) और जे (j) पर जो बिंदी (Tittle) होती है उसे क्या कहते हैं? मैंने कहा डॉट। बोले तू बस यूँ ही हांकता रहता है कि तू पोस्ट ग्रेजुएट है। आता जाता कुछ है नहीं।
इसी तरह के कई सवाल दाग़ दिए और और मैं हर बार गलत साबित। बीच में चाय भी बनाई और उन्होंने पी भी। जाते जाते एक लिस्ट पकड़ा गए जिसमे सब पूछे गए सवालों का सही जबाब था। गूगल बाबा की मेहरबानी।पर मानना पड़ेगा कि इतना सब कुछ जानने और समझने के लिए है और मैं कुछ नहीं जानता. जानना तो दूर जानने की कोशिश भी नहीं करता।
बहुत साल पहले कलकत्ता में मिनी बस की सामने वाली सीट पर दो स्कूल की छात्रायें बतिया रही थीं। उनमे से एक ने कहा सब जानने की जरूरत नहीं है। जब जरूरत होगी मालूम कर लेंगे।जैसे दिल्ली कौन कौन सी गाड़ी जाती हैं जब दिल्ली जाना होगा रेलवे का टाइम टेबल देख लेंगे।पहले से ही जानकर क्या करेंगे।
तब से बात गांठ बांध ली की सब कुछ जानने की कोई जरुरत नहीं है।जो जरुरी है वही याद रह जाय क्या कम है. परीक्षा पास करने के लिए रटते रटते थक जातें हैं।अब तो गूगल बाबा ने और भी आसान कर दिया है।परीक्षा हाल में गूगल पर उत्तर देखना मंजूर करना चाहिए।
पर सर्व ज्ञानी माने तब न।गाहे बघाये टपक पड़ते हैं।मैंने सोचा बहुत
हुआ,अब और नहीं। आने दो, और आ भी गए।आते ही बोले दुनिया की सबसे पुरानी भाषा कौन सी है। मैंने कहा मातृभाषा। कहने लगे गलत। मैंने कहा क्यों गलत.? पहली माँ की भाषा क्या थी।जो उसके मुंह से निकला। माँ जो भी बोलती है बच्चा समझ जाता है की नहीं.? बच्चा पेट से सीख के आता है। आदम और ईव हो या मनु और श्रद्धा। जब ईव और श्रद्धा माँ बनीं तो उनकी भाषा क्या थी। दुनिया की सारी भाषाएँ मातृभाषा ही तो हैं।
तब से सर्व ज्ञानी नहीं आ रहें हैं। अब आप ही बताओ मै कहाँ गलत हूँ.?

Copyright @ हरि लाखेरा

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