जवान उत्तराखंड Young Utterakhand Gharwali Poetry By Sudama Dobriyal

 



जवान उत्तराखंड
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२० -२२ साल कू उत्तराखंड
कुछ इनु जवान होइगे।
कखि रव्वटी कू रूण हुयूं च
कखि धनवान होइगे।।

अलग राज्य बण छाइ यो
पहाड़ कू विकास खुणे।
अंध्यरा वूं डांडा कांट्यूं थै
उज्यालू रै-वास खुणे।।
रोजगार आलू यख शिक्षा ऐली
अब सब बीरान होइगे।
कखि रव्वटी कू रूण हुयूं च
कखि धनवान होइगे।।

फिर चल पलायन कू दौर
भागम-भाग ह्वै चारों ओर।
अब पहाड़ मा कुछ नी रख्यूं
मच हर तरफ यो शोर।।
पहाड़ियों की पहाड़ से घृणा
अर शहर शान होइगे।
कखि रव्वटी कू रूण हुयूं च
कखि धनवान होइगे।।

अब घार-घार मा राजनीति
तेरी अर मेरी आपबीती।
न अपडू-परया न स्वारू-भ्वारू
न कैकी यश न कीर्ति।
छूटदा गौं अर टुटदा पहाड़
वेप्रीत अब इंसान होइगे।
कखि रव्वटी कू रूण हुयूं च
कखि धनवान होइगे।।

२० -२२ साल कू उत्तराखंड
कुछ इनु जवान होइगे।
कखि रव्वटी कू रूण हुयूं च
कखि धनवान होइगे।।

मी डोबरियाल "असीमित"
©® सुदामा डोबरियाल
गौं जाख मल्ला
तहसील लैन्सडौन
पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड
उत्तराखंड की लगूली
UK Laguli
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