संस्कृति***Grhwali Poetry wrote by Bhagat Rawat Basab

 


संस्कृति

हमर संस्कृति हमरी पेच्छाण च
जलमभूमि हमरी ज्यू पराण च
नथुली बुलाक गुलबंद हसुली
जर जेवरबेटी ब्वारियों कु शान च
थ्यड़्या चौंफल्या मांगल गीत
गढ़ संस्कृति कु जान च
देवतों कु भूमि हरि जी कु द्वार
पावन गंगा जमुना कु स्थान च
बद्री केदार गंगोत्री यमनोत्री
यख तीरथ चार धाम च
देवभूमि तपो भूमि
जलमभूमि हमरी महान च
हमरी संस्कृति हमरी पेच्छाण च
जलमभूमि हमरी ज्यू पराण च

©® भगत रावत बासब

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