हमरि तुमरि किलै ***Grhwali Poetry/Garhwali Gajal wrote by Payash Pokhara

 


गज़ल
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हमरि तुमरि किलै

तुम थैं हैंसाणा की जुम्यवरि हमरि किलै ।
हम थैं रुवाणा की ठ्यकादरि तुमरि किलै ।।

बिसगि गैन त बिसगण दे हमरा आंसु थैं ।
पर ये बादळ बरखा बणदरि तुमरि किलै ।।

फटगरेणा छन त फटगरेण दे हमरा पराण ।
रुणपित हम छौं अर अंसधरि तुमरि किलै ।।

नि लगदा पराज त हमल जि क्य करणा ।
पर तेरि भटुल्युं दगड़ बेकदरि हमरि किलै ।।

तुम जिकुड़ियूं की जाजम नि ताड़ि साका ।
त तिबरी डंडळी अर नीमदरि हमरि किलै ।।

सुख्यरा दुख्यरा जनि भि सदनि खुश रवां ।
तुमरि तकणै तकणैंकि बराबरि हमरि किलै ।।

थोकदार ह्वैला त अफु खुणै ह्वैला "पयाश"।
तुमरा बांजा पुंगड़ो मा जिमदरि हमरि किलै ।।

©® पयाश पोखड़ा

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