छुयुँ-छुयुँ मा Grhwali Poetry/Garhwali Gajal wrote by Payash Pokhara

 


#गढवालिम_एक_गीत
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एक गीत
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छुयुँ-छुयुँ मा
छुयुँ-छुयुँ मा कबरि-कबरि,
छुवीं ऐ जालि जबरि हमरि,
ख्याल राखि क्वी नि द्याखु हो……
आँसु म डबळईं आँखि तुमरि !!!

से उठिकि सुबेर ल्याकि,
सुपन्यळ्या आँखि ध्वै-धाकि,
ख्याल राखि क्वी नि द्याखु हो......
मेरि शकल लुकंईं तेरि आँखि !!!

मेरि खुद ल्हेकि ऐलि बरखा,
आँख्युं मा आँसु बूँद सरका,
ख्याल राखि क्वी नि द्याखु हो.......
गळ्वड़्युं मा आँसु की तरका !!!

मेरि खुद जबरि त्वै लगालि,
टपराँदि आँखि मी ख्वज्यालि,
ख्याल राखि क्वी नि द्याखु हो......
घुट्ट भटुळि जब त्वै लगालि !!!

दगड़्यों दगड़ त्यारा गौं,
तु सुणलि कि मि भि औं,
ख्याल राखि दौड़ि नि जै हो......
बिना चुन्नी अर नांगा पौ !!!
©® पयाश पोखड़ा
पौड़ी गढ़वाळ उत्तराखंड भारत
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— उत्तराखंड की लगूली में बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं.
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