जीवन का स्यारा

उत्तराखंड की लगूली

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जीवन का स्यारा

बगत का घामम

भदौड़ा बांणू छौ ।

जीवन कु माटू

हरकाणूँ फरकाणूँ छौ ।।

कटगड़ा ह्वे गीं जीवन का

पंगीला पुंगड़ा भैजी ।

जीवन मा खुशियों की

कूल पैटाणूँ छौ ॥

 देखि छै ब्वे बाबू का पीठम

खुशियों की लकदक फसल ।

वै बीज थै आज

मी भि खुज्याँणू छौ ॥

सुचणूं छौ नै पीढ़ी खुंणे

कुछ भल्लु ह्वे जा

इलै आज व्याळि अपणाँ ।

हड़गा तुड़ाणू छौ

अफि बळ्द अफि हळ्या

अफु थै अफि हकाणूँ छौ ॥

हर दिन नै फसल का बाना

पुँगडि बाँणू छौ ।।

जीवन का पुंगड्यूँ मा

भदौडा बाँणू छौ ॥

 

संदीप गढ़वाली©®

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