हिन्दी । गढ़वाली । कुमाउँनी । गजल । अन्य । कवि । कवयित्री । लेख ।
आज
मि बणूलु
भौळ
तुम बणि जयां
आज
मि रचुलु भौळ तुम रचि जयां ।
आज
मि बचुलु भौळ तुम बचि जयां ।
आज
मैसणि भजाला त भौल तुम भाजि जयां ।
कु़छ
बिधायकों मि बांटि जौंळू कुछु तुम बांटि जयां ।
कुछु
तैं मि भडकौंळूं
अर
कुछु तैं तुम भडकै जयां ।
भांडू
भ्वर्यॊं पार्टी कु कुछ मि फरकै जौंळु कुछ तुम फरकै दियां ।
जनता
सणि बि कुछ मि सनकौंळू कुछ तुम सनकै दियां ।
कुछ
फाइल मि अटकौळूं कुछ तुम अटकै दियां ।
फेर
क्वी हौरि रौत आळू ।
वो
बि त कुछ दिन जलवा दिखाळू ।
तब
तलै अगला चुनौं कु बगत ह्वे जाळू ।
फैर
क्या दुबरा औंळा त फिर ख्यळला सीएम सीएम ।
सर्वाधिकार
सुरक्षित
@
महेंन्द्र भंडारी 'अलबेला" ।
0 टिप्पणियाँ