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क्या
प्यार ऐसा होता है ?
(यों
ही सुद्दी टैम पास )
आँखो
में तेरा चेहरा जब
अक्सर
आ जाता है
तेरी
ब्वै को सौं तब मुझे
झंणि
क्या ह्वे जाता है
क्या
प्यार ऐसा होता है.... ?
कभि
राकर्याट कभि बबड़ाट
कभि
कबलाट ह्वे जाता है
जब
दिखती है मुखडी तेरी
अक्सर
धकध्याट हो जाता है
क्या
प्यार ऐसा होता है .... ?
पहले
थागोल मूळा सी
अब
सुक्सा सी हो गया हूँ
कभी
धार में कभी रौळ में
यखुलि
बैठा रहता हूँ
क्या
प्यार ऐसे होता है.... ?
ब्वे
बाब करा रहे रख्वळि बैदैं
कि
मै झस्के गया हूँ
भूख
तीस हर्च गई अब मै
सुखि
कन लखुड्ड हो गया हूँ
क्या
प्यार ऐसा होता है.... ?
जरा
पास आके बच्या जा
अपने
होने का झमझ्याट करा जा
मैंने
डाळे ढ़ुंगे खोद दिये
तेरा
नाम लिख कर देख जा
यूँ
दूर से मुल मुल
मुस्कुरा
के न जा
कुछ
तो बोल तेरी न या हाँ है
क्या
तुम भी ऐसा चिताती हो
क्या
प्यार ऐसा होता है.... ?
संदीप गढ्वाली
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