भिंडी साग

उत्तराखंड की लगूली

हिन्दी   ।  गढ़वाली ।  कुमाउँनी  ।  गजल  ।  अन्य  ।  कवि  ।  कवयित्री  ।  लेख  ।

 उत्तराखंड देवभूमि  I अनछुई सी तृप्ति  I  ढुंगा - गारा  I  आखर - उत्तराखंड शब्दकोश  I उत्तराखंड I गढ़वाली शब्दों की खोज कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I  कवितायें I कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I उत्तराखंड संस्कृतिकवितायें 


आमा क भिंडी साग द्वि जणाने लिजी

 सौमान--

 पौ भर भिंडी,चार - पांच हरीं मिर्च ,भलोभल सरसों तेल,एक चमच जीर,लूंण स्वादानुसार

तरीक

भिंडी ध्वे भेर गोल- गोल काट लियो। सरसोंक तेल में जीर खितो फिर वीमें भिंडी, हरीं मिर्च, लूंण खित भेर तेज आग में भुड़भुड़ींन दिया। असल स्वाद चैंछ तो मश्याल जरा ले न खितण भे।जब लागोल कि पाण नी दिखिनो तो थोड़ देर लिजी ढाक धर दियो। भात दगड़ी भौते भल लागूं यो साग। असल भिंडीक स्वाद कि हूँ आज पत्त चलौल।

सुमीता प्रवीण

मुंबई

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ