हिन्दी । गढ़वाली । कुमाउँनी । गजल । अन्य । कवि । कवयित्री । लेख ।
~अतुल्य
उत्तराखंड~
देवभूमि
च जे कू नाम, इन च हमर अपणु अतुल्य उत्तराखंड
संस्कृति
अर संस्कार छन विरासत, इन पछाण च उत्तराखंड
गढ़वली,
कुमौनी, जौनसारी जन भासा बढेदीन हमरी सान
डांडी
- कांठी कू मुल्क, इख क धरती च हमर मान सम्मान
स्कन्द
पुराणों मा उदृत च नौ कुर्माचल अर केदारखंड जे क
ऋषि
अर मुनियों क च जख धाम, तपोभूमि बुल्दीन नाम वे क
बावन
गढ़, चार धाम, पंच प्रयाग यी भूमि ते पावन छन बणाणा
गंगोत्री - जमनोत्री अजी भी छन जनमानस की तीस बुझाणा
कुमाॐ
मंडल मा अन्दिन जिला अल्मोड़ा, चम्पावत, बागेश्वर
नैनीताल,
पिथोरागढ़ अर दगड मा आंद वेक उधम सिंह नगर
गडवाल
मंडल म अन्दिन जख पौड़ी, टिहरी, चमोली, हरिद्वार
रुद्रप्रयाग,
उत्तरकाशी अर देहरादून, जख बटी चलदी सरकार
धौली,
विष्णु गंगा अर मंदाकिनी छन अलकनंदा ते सजाणा
होंस,
गिरी अर आसन नदी छन यमनोत्री की सान बढ़ाणा
राम
गंगा, सोंग नदी, कोसी, गोमती गौरी अर पिंडर
नयार
बगणा
छन बिना रुक्याँ थक्याँ अर छन उत्तराखंड कू शृगार
म्याला
थोलो की च या धरती, बारा बरसू मा आँद जख कुम्भ म्याला
दिबता
बुलान्दीन जख जागर, डौंर थाली ढोल दमो छन वूका खेला
फूलो
क घाटी, औली, चकराता, कोसानी, अर लैंसडौन ते नी भूल्या
ऋषिकेश,
मसूरी, भीमताल अर हेमकुंड साहिब कू बाटू छन खुल्या
संस्कृति
अर प्रकृति जख हंसदी खिल्दीन, घुघती जख रैबार पहुंचेदीन
कुयेड़ी
जख खैरी सुणान्द, बुरांश अर फ्योली हमर पहाड़
ते सजादीन
बेडू,
तिम्ला, हिसरा, काफल, झुंगर,बाड़ी कफली गीच मा पाणी लियांदीन
झोडा,
छपेली, न्योली त रणसिंग, भेरी, मशुकबाज दगड रंगत मचेदीन
गीत
संगीत पहाडा कू, खान्णी पीणी पहाड़ा की, घूमण घुमाण पहाड़ मा
अफ़ी
आवा, दगडयो ते लावा, उत्तराखंडे की रौंतेली सान देखि कं जावा
छ
पूरो बिस्वास मीते ‘प्रतिबिम्ब’, उत्तराखंड क अच्छू दिन बौडी
क आला
भासा
साहित्य भी खूब छ्वीं लगाला, खैरी न खुसी क दिन वापस आला
-
प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
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