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खाली,खल्टा,खल्लम-खल्ला !
काका न ब्वाडा, भैजि न भुल्ला रे,
मेरि डंड्यळि, तेरि तिबरि,
खल्लम-खल्ला रे, खल्लम-खल्ला रे....
गगरि न कस्यरि, लारा न झुल्ला रे,
मेरि नवळि, तेरि पंद्यरि,
खल्लम-खल्ला रे, खल्लम-खल्ला रे....
गोळण न सांगळ, बन्द न खुल्ला रे,
मेरि मंज्युळि, तेरि उबरि,
खल्लम-खल्ला रे, खल्लम-खल्ला रे....
खुम्का न वीरा, घ्याळ न हल्ला रे,
मेरि उर्ख्यळि, तेरि जंदरि,
खल्लम-खल्ला रे, खल्लम-खल्ला रे....
ज्युड़ि न दौळिं, गोठ न पल्ला रे,
मेरि थ्वरिड़ि, तेरि कळ्वड़ि,
खल्लम-खल्ला रे, खल्लम-खल्ला रे....
दै न दग्ड़्या, पैसा न पल्ला रे,
मेरि सुप्पी, तेरि ठ्वपरि,
खल्लम-खल्ला रे, खल्लम-खल्ला रे....
बूण न घार, हिटा न चल्ला रे,
मेरि जांठि, तेरि छतरि,
खल्लम-खल्ला रे, खल्लम-खल्ला रे....
त्यूंखी न गत्यूड़ि, थ्यग्ळा न टल्ला रे,
मेरि धोति, तेरि चद्दरि,
खल्लम-खल्ला रे, खल्लम-खल्ला रे....
ख्वींडा न अबिंडा, बुरा न भल्ला रे,
मेरि मुण्डळि, तेरि ख्वपरि,
खल्लम-खल्ला रे, खल्लम-खल्ला रे....
आंदा भि खल्ला, जांदा भि खल्ला रे,
'पयाश' हमरि, आस तुमरि,
खल्लम-खल्ला रे, खल्लम-खल्ला रे....
खल्लम-खल्ला रे, खल्लम-खल्ला रे....
©® पयाश पोखड़ा
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